फिल्म मेकिंग शौक है, धंधा नहीं - Tigmanshu Dhulia Interview



एमपी नाउ डेस्क



Tigmanshu Dhulia Interview:  पान सिंह तोमर, हासिल, साहेब बीबी और गैंगस्टर जैसी फिल्मों के निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई के मुंबई एडिशन के पॉडकास्ट में साक्षात्कार दिया जिसमें उन्होंने अपनी शुरुआती जर्नी से लेकर अब तक वर्तमान स्थिति को लेकर काफ़ी बेबाकी से अपनी राय रखी। इस दौरान कई ऐसी बातों का खुलासा उन्होंने किया जो अब तक फिल्म प्रेमियों और उनके प्रशंसकों के लिए बिल्कुल भी जानकारी में नहीं थी। किसी भी साक्षात्कार के रूचिपूर्ण होने की सबसे बड़ी बुनियादी बातों में एक बात यह होता है कि दर्शकों को कुछ नया जानने को मिले। 

एएनआई के 278 वे एपिसोड के लिए एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश ने मशहूर स्क्रीन राइटर और निर्देशक तिग्मांशु धूलिया का पॉडकास्ट में साक्षात्कार किया था, जिसमें तिग्मांशु ने अपने अभिनय कैरियर से लेकर मंडी हाउस नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से लेकर शेखर कपूर के साथ फिल्मों में अस्टिटेंट डायरेक्टर की यात्रा तक सभी पहलुओं के बारे में कई खुलासे किए। 

हालांकि इस दौरान कुछ बात जो चुभती है, वह स्मिता प्रकाश का फिल्मों के बारे में थोड़ा अल्प ज्ञान पॉडकास्ट में कई बार ऐसा महसूस हुआ जैसे फिल्मों के बारे में स्मिता प्रकाश की जानकारी थोड़ी कमज़ोर है। चुंकि एक दफा वह पान सिंह तोमर फ़िल्म में लीड एक्टर के तौर में इरफान की जगह मनोज बाजपेई का नाम लेती है तो वही सनम तेरी कसम फिल्म को 20 साल पुरानी फिल्म बता देती है जबकि दोनों बातों का जिक्र उनके द्वारा स्वयं ही किया जाता है।

खैर छोड़े, लेकिन जो पॉडकास्ट में ख़ास बातें जो निकलकर आई उसमें तिग्मांशु धूलिया की शेखर कपूर के साथ अपने कैरियर की शुरुआत करना उनसे सीखना शाहरुख खान को चाय पिलाना, प्रीति जिंटा का ऑडिशन, जोशीले, मौत से जो डरते नहीं, मेजर साहब जैकी श्रॉफ, जूही चावला स्टारर जिसका निर्देशन शेखर कपूर कर रहें थे और उनके अस्टिटेंट डायरेक्टर की भूमिका में तिग्मांशु का होना लेकिन अचानक फिल्में छोड़कर शेखर कपूर का विदेश चले जाना इन सभी विषयों को लेकर तिग्मांशु ने खुलकर बात की।

तिग्मांशु ने मुम्बई में अपने शुरुआती सफर की जानकारी देते हुए कहा कि शेखर कपूर ने 1994 में बैंडिट क्वीन फिल्म का निर्देशन कर रहे है थे इसमें उन्हें शेखर को असिस्ट करने का मौका मिला। इस फिल्म में संवाद लिखना अभिनेताओं की कास्टिंग करना जिसमें मनोज बाजपेई, सौरभ शुक्ला और अन्य अभिनेताओं की कास्टिंग उन्होंने की। उन्होंने इन सभी अभिनेताओं को दोस्त बोलते हुए कहा कि इनके साथ वह नेशनल स्कूल ड्रामा में साथ ही मंडी हाउस में घुमा करते थे तो जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने अपने साथियों को भी मौका दिया।

फिल्म के खत्म होते तक उनकी शेखर कपूर से अच्छी जमने लगी शेखर ने उन्हें मुंबई में काम करने के लिए कहा तो वह दिल्ली छोड़कर मुम्बई निकल गए जहां उन्होंने शेखर के साथ कई फिल्मों में सहयोगी के रूप में काम किया। पूरे साक्षात्कार के दौरान तिग्मांशु ने शेखर कपूर की जमकर तारीफें की सिर्फ़ एक्टिंग की बात को छोड़कर। शेखर कपूर ने कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया है जिसे लेकर तिग्मांशु ने उन्हें खराब अभिनेता बताया और साथ में खुद को भी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई के दौरान एक खराब अभिनेता बताया।

लेकिन निर्देशक के तौर में शेखर कपूर की जमकर तारीफें उन्होंने बताया की संजय खन्ना विक्रम भट्ट, अजय देवगन सलमान खान शेखर कपूर के अस्टिटेंट रहे सतीश कौशिक का भी नाम इसमें शामिल है। उन्होंने फिल्म विद्या को लेकर अपनी राय रखते हुए कहा कि फिल्मों में डायरेक्टर और राइटर होता है उनमें भी दोनों एक ही हो तो बेहतर होता है। रॉबर्ट डी नीरो  को भी एक अच्छा डायरेक्टर लगता है फिल्म निर्देशक का मीडियम होता है एक्टर का मीडियम थियेटर होता है जबकि टेलीविजन राइटर का माध्यम होता है। 


इसके अलावा जो मुख्य बात उन्होंने अपने साक्षात्कार में वर्तमान परिदृश्य में फिल्म बनने से पहले ही फ़िल्म में लगने वाले पैसे कॉर्पोरेट तरीके से निकाल लेना फिल्मों के ख़राब बनने का कारण बताया। उनका मानना है जब फ़िल्मों के पैसे (मेकिंग खर्च) जब फिल्म बनने के पहले ही निकल जा रहा है तो फिर लोग एक प्रकार से कचरा ही बना दे। पहले ऐसा होता था कि थोड़ी फ़िल्म बनती थी... फिल्में देखी जाती थी फ़िल्म अच्छी होने पर प्रोड्यूसर पैसे लगाते थे कि यह अच्छी फिल्म है लेकिन अब फिल्मों में कॉर्पोरेट दुनिया के लोगों के घुसने से बड़ा कबाड़ हुआ है। उन्होंने कहा फिल्म मेकिंग शौक है, धंधा नहीं।

कुल मिलाकर यह पूरा पॉडकास्ट फिल्मी दुनिया की कई अनसुनी कहानी जानकारी देता है, तिग्मांशु धूलिया के व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है उनकी सोच उनका फिल्मों को लेकर नजरिया अब तक अनुभव सब इसमें शामिल है।

अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।


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